किसान संगठनों द्वारा 1 से 10 जून तक शहरों का बायकॉट करने का ऐलान किया गया है। उन्होंने कहा कि वह इस सप्लाई बंद मुहिम में शामिल नहीं होना चाहते हैं। गांवों के दूध उत्पादक व दोधी दूध सप्लाई करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने डी.एस.पी धूरी आकाशदीप सिंह औलख को एक ज्ञापन देकर मांग की है कि 1 से 10 जून तक दूध वालों को सुरक्षा मुहैया करवाई जाए।
केंद्र सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर पंजाब के किसानों ने शुक्रवार से प्रदर्शन का ऐलान किया है, ऐसे में पंजाब के कई हिस्सों में रोजमर्रा की चीजों की सप्लाई में बाधा के चलते लोगों को मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। तमाम किसान संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ दस दिन तक प्रदर्शन करने का ऐलान किया है, यह प्रदर्शन देशभर में हड़ताल का एक हिस्सा। हालांकि इस हड़ताल में दूध के व्यापारियों ने हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है और इन लोगों ने पुलिस से सुरक्षा की मांग की है क्योंकि इन्हें बंद के दौरान दूध सप्लाई के दौरान हिंसा का डर है।
भारतीय किसान यूनियन ने पहले ही पंजाब के कई शहरों में अगले 10 दिनों तक सब्जी और दूथ की सप्लाई को बंद करने का ऐलान कर दिया है।
किसान अपने कर्ज को माफ करने की मांग कर रहे हैं, साथ ही वह लागत से 50 फीसदी अधिक मूल्य दिए जाने की मांग कर रहे हैं। कुछ जगहों पर किसानों और दुग्ध विक्रेताओं ने पहले ही इस हड़ताल से खुद को अलग कर लिया है।
किसान अपने कर्ज को माफ करने की मांग कर रहे हैं, साथ ही वह लागत से 50 फीसदी अधिक मूल्य दिए जाने की मांग कर रहे हैं। कुछ जगहों पर किसानों और दुग्ध विक्रेताओं ने पहले ही इस हड़ताल से खुद को अलग कर लिया है।