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क्या है राहू और केतू ??

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अक्सर हमलोग राहू और केतू के बारे में सुना करते है। इसका नाम सुनते ही मन मे डर और इसके प्रति सोच नकरात्मत हो जाती है।
कुछ लोग इसे ये सोच कर अंधविश्वास मानते कि हमारे सोलर सिस्टम में राहू और केतू कहीं नही दिखाई देता या फिर भौतिक रूप में इसका कोई अस्तित्व नही है ।
तो चलिए आज हम ज्योतिष और वैज्ञानिक दोनों पहलुओं को ध्यान में रखकर इसे जानने की कोशिश करते हैं।
हम सभी जानते हैं कि हमारे सैर्य परिवार में नौ ग्रह है, पर अंतरास्ट्रीय खगोलीय संघ ने 13 सितंबर 2006 में प्लूटो को ग्रह की श्रेणियों से हटा कर बौना ग्रह की श्रेणी में रख दिया।वैसे प्लूटो को याम या ग्रीक भासा के अनुरास अंधेरों का देवता कहा गया है। अर्थात अब हमारे सौर्य परिवार में आठ ग्रह ही हैं।
अब सवाल ये उठता है कि फिर राहू और केतु क्या है और कहाँ है ?? ऐसा सवाल वही करते हैं जो अपने आप को आधुनिक और विज्ञान का ज्ञाता समझते हैं। दोस्तों मैं विज्ञान का छात्र राह चुका हूँ और मैंने भौतिकी शास्त्र से स्नातक किया है।
अब हम आते है राहू और केतु पर…
पृथ्वी के कक्षा(earth orbit ) और चंद्रमा के कक्षा ( luner orbit) के कटान बिंदु को ही राहु और केतू कहा जाता है। चुकि इसका कोई फिजिकल सेप नही है इसलिए विज्ञान की भाषा मे इसे वर्चुअल प्लेनेट या सेडो प्लेनेट( shadow planet) कहते हैं और यहाँ पर गुरुत्वाकर्षण बल का नोड भी बनता है किन्तु ये किसी राशि को प्रदर्शित नही करता है। इसके गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र का प्रभाव ग्रह के तरह ही हमारे जीवन पर भी पड़ता है। ग्रहणकाल में इससे उत्सर्जित गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र और विकिरण का प्रभाव हमारे जीवन मे सकारात्म या नकारात्म रूप में अत्यधिक पड़ता है।हमारे सौर्य परिवार या आकाश गंगा या फिर पूरे ब्रह्मांड में जितने भी ग्रह है उन ग्रह और उनके उपग्रह के साथ ऐसा ही संयोग बनता है।
हमारे पूर्वजों ने हजारों साल पूर्व तारे, नक्षत्र, आकाशगंगा, ग्रह और उपग्रह के चाल और दिशा का अध्यन तथा शोध कर ज्योतिष गणित के आंकड़ों को हमे उपहार के स्वरूप में दिया है, जिसे आजके अत्याधुनिक युग मे भी पता करना आसान नही है। Astrophysicist और astronaut scientist ऐसे ही तथ्यों पर लगातार खोज पर लगे हुए है। आज भी नासा जैसे अमेरिकन संस्था हमारे अध्यात्म पर काफी दिलचस्पी ले रही है।
वैसे ज्ञान की कोई सीमा नही है पर पर हमारी ज्ञान सीमित है।
आशा करता हूँ कि आपको हमारी ये संबाद पसंद आयी होगी।

धन्यवाद
मानस मुखर्जी (ज्योतिषाचार्य)
बोकारो +919472553848

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Ayodhya

अगले 48 घंटों में गिरेगा दो से तीन डिग्री पारा, उत्तर भारत में धूप के बाद भी चलेगी शीतलहर

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अगले 48 घंटों में गिरेगा दो से तीन डिग्री पारा, उत्तर भारत में धूप के बाद भी चलेगी शीतलहर

मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पाल कहते हैं कि उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में अभी शीत लहर की आशंका जताई जा रही है। हालांकि इसमें पूरा उत्तर भारत नहीं बल्कि पंजाब और हरियाणा समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्से शामिल हैं। मौसम विभाग का मानना है कि ठंडी हवाओं के चलते गलन भी बढ़ेगी और अधिकतम तापमान में भी गिरावट दर्ज हो सकती है…

अगले 48 घंटे में उत्तर भारत के सभी इलाकों में न्यूनतम पारा दो से तीन डिग्री के करीब और नीचे गिर जाएगा। जबकि दिल्ली और एनसीआर समेत कुछ हिस्सों में गुरुवार और शुक्रवार को धूप तो निकलेगी, लेकिन गलन वाली ठंड में कोई कमी नहीं होगी। अगले 48 घंटे के भीतर बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन के चलते मौसम में इस तरीके की तब्दीलियां देखी जा सकती हैं। वहीं कोहरे को लेकर विभाग का अनुमान है कि पिछले हफ्ते की तरह ही इस बार भी लगातार कोहरा पड़ता रहेगा।

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Ayodhya

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होंगी सोनिया गांधी, खरगे-अधीर ने भी किया किनारा

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राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होंगी सोनिया गांधी, खरगे-अधीर ने भी किया किनारा

 

अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, मौजूदा अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी शामिल नहीं होंगे।

कांग्रेस के महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने इसकी जानकारी दी है।

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Election

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने रहेंगे एकनाथ शिंदे, स्पीकर ने खारिज की विधायकों की अयोग्यता की याचिका

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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने रहेंगे एकनाथ शिंदे, स्पीकर ने खारिज की विधायकों की अयोग्यता की याचिका

महाराष्ट्र की राजनीति के लिए आज का दिन बड़ा अहम रहा।  महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित 16 विधायकों की अयोग्यता मामले में 1200 पन्नों का फैसला सुनाया। विधानसभा स्पीकर ने अपने फैसले में शिंदे गुट को ही असली शिवसेना माना। साथ ही 16 विधायकों को अयोग्य करार देने की मांग वाली याचिका भी खारिज कर दी। फैसले के अहम बिंदुओं को पढ़ते हुए उन्होंने कहा कि जब पार्टी में बंटवारा हुआ था, तब शिंदे गुट के पास 37 विधायकों का समर्थन था। ऐसे में उनके नेतृत्व वाला गुट ही असली शिवसेना है। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग ने भी इसे मान्य करार दिया था।

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