ALLAHABAD

लोकार्पण:गीता सुधा संगम हेमा मालिनी

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—————लोकार्पण:गीता सुधा संगम—‐———-

 

वृन्दावन(वि.प्र.)नगर में 24 अगस्त को प्रसिद्ध सिने तारिका तथा मथुरा से सांसद हेमा मालिनी

Debut: Geeta Sudha Sangam Hema Malini thenewsroomnow

द्वारा रघोत्तम शुक्ल व शारदा शुक्ला द्वारा रचित पुस्तक ‘गीता सुधा संगम’का लोकार्पण किया गया,जो श्रीमद्भगवद्गीता का हिन्दी व अंग्रेजी पद्य में सरस अनुवाद है।यह अनुवाद दोनों भाषावों के तुकान्त एवं लयमय छन्दों में किया गया है और इसमें संस्कृत के श्लोकों का मूल पाठ भी दिया गया है।श्री शुक्ल उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के वर्ष  2017 के ‘सुब्रह्मण्य भारती’ पुरस्कार से राज्यपाल द्वारा सम्मानित हो चुके हैं और उनकी कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं,जिनमें मुख्य हैं ‘गीत गोविन्द’ ‘शिव स्तवन’ ‘सचित्र रामायण सार ‘  गीता दोहन’ ‘युग द्रष्टा दीन दयाल उपाध्याय’ आदि। सुश्री शारदा शुक्ला इस पुस्तक के अतिरिक्त ‘कलम की काॅकटेल’ की भी लेखिका हैं। वे ‘ई टीवी’ की ऐंकर रह चुकी हैं तथा ‘आई बी एन -7’ व ‘आज तक’टीवी चैनलों में अधिकारी रही हैं। दोनों रचनाकार कई बड़े समाचार पत्रों के स्तम्भ लेखक भी हैं।कार्यक्रम हेमा मालिनी जी के वृन्दावन की ओमेक्स सिटी स्थित उनके आवास पर सम्पन्न हुवा।कोविद के संयमों के चलते समारोह को वृहद् रूप नहीं दिया गय;,फिर भी वरिष्ठ साहित्यकारों और पत्रकारों ने अवसर की शोभा बढ़ाई।हेमा मालिनी ने तत्समय कृति को सरसरी तौर पर देखा और रचना धर्मिता की प्रशंसा की।लेखक द्वय ने ग्रंथ की विषयवस्तु और उद्येश्यों पर पर प्रकाश डाला।लोकार्पण का संयोजन वरिष्ठ टी वी पत्रकार नितिन गौतम ने और छायांकन विजय शुक्ल ने किया।

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वृन्दावन(वि.प्र.)नगर में 24 अगस्त को प्रसिद्ध सिने तारिका तथा मथुरा से सांसद हेमा मालिनी द्वारा रघोत्तम शुक्ल व शारदा शुक्ला द्वारा रचित पुस्तक ‘गीता सुधा संगम’का लोकार्पण किया गया,जो श्रीमद्भगवद्गीता का हिन्दी व अंग्रेजी पद्य में सरस अनुवाद है।यह अनुवाद दोनों भाषावों के तुकान्त एवं लयमय छन्दों में किया गया है और इसमें संस्कृत के श्लोकों का मूल पाठ भी दिया गया है।श्री शुक्ल उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के वर्ष 2017 के ‘सुब्रह्मण्य भारती’ पुरस्कार से राज्यपाल द्वारा सम्मानित हो चुके हैं और उनकी कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं,जिनमें मुख्य हैं ‘गीत गोविन्द’ ‘शिव स्तवन’ ‘सचित्र रामायण सार ‘ गीता दोहन’ ‘युग द्रष्टा दीन दयाल उपाध्याय’ आदि। सुश्री शारदा शुक्ला इस पुस्तक के अतिरिक्त ‘कलम की काॅकटेल’ की भी लेखिका हैं। वे ‘ई टीवी’ की ऐंकर रह चुकी हैं तथा ‘आई बी एन -7’ व ‘आज तक’टीवी चैनलों में अधिकारी रही हैं। दोनों रचनाकार कई बड़े समाचार पत्रों के स्तम्भ लेखक भी हैं।कार्यक्रम हेमा मालिनी जी के वृन्दावन की ओमेक्स सिटी स्थित उनके आवास पर सम्पन्न हुवा।कोविद के संयमों के चलते समारोह को वृहद् रूप नहीं दिया गय;,फिर भी वरिष्ठ साहित्यकारों और पत्रकारों ने अवसर की शोभा बढ़ाई।हेमा मालिनी ने तत्समय कृति को सरसरी तौर पर देखा और रचना धर्मिता की प्रशंसा की।लेखक द्वय ने ग्रंथ की विषयवस्तु और उद्येश्यों पर पर प्रकाश डाला।लोकार्पण का संयोजन वरिष्ठ टी वी पत्रकार नितिन गौतम ने और छायांकन विजय शुक्ल ने किया।

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