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रेप पर फांसी राष्ट्रपति की मंजूरी

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प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस’ यानी पॉक्सो एक्ट में बदलाव का बड़ा फैसला लिया.POCSO एक्ट में बदलाव बच्चियों से रेप पर फांसी वाले अध्यादेश को राष्ट्रपति की मंजूरी

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने पॉस्को एक्ट में बदलाव लाने वाले अध्यादेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैंनए अध्यादेश के मुताबिक,16 साल से कम उम्र की लड़की से रेप करने वाले को दी जाने वाली कम से कम सजा 10 साल से बढ़ाकर 20 साल की गई है.

12 साल से कम उम्र के बच्चों से रेप करने वालों को मौत की सजा दी जाएगी. वहीं,

एक्‍ट में बदलाव के बाद 0-12 साल की बच्‍चियों के साथ रेप के मामले में मौत की सजा का प्रावधान है. मोदी कैबिनेट की मीटिंग में यह भी फैसला लिया गया कि रेप के मामलों में तेज जांच और सुनवाई के सभी उपाए सुनिश्चित किए जाएंगे.

सजा को उम्रकैद तक बढ़ाया भी जा सकता है. इस अध्यादेश में इसे बढ़ाकर 10 साल करने का प्रावधान है.

16 साल से कम उम्र की बच्ची से गैंगरेप के दोषियों को आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी.

16 साल से कम उम्र की लड़की से रेप पर न्यूनतम सजा को 10 साल से बढ़ाकर 20 साल कर दिया गया है. इस सजा को आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है.

12 साल से कम उम्र की बच्ची से गैंगरेप के दोषियों को आजीवन कारावास या मौत की सजा दी जाएगी.

12 साल से कम उम्र की बच्ची से रेप के लिए बेहद कड़ी सजा का प्रावधान है. दोषी को कम से कम 20 साल या आजीवन कारावास या फांसी की सजा दी जाएगी.

जांच और सुनवाई के लिए समय सीमा तय:

रेप मामलों में अपील और अन्य सुनवाई के लिए अधिकतम छह महीने का वक्त दिया जाएगा
रेप मामलों की सुनवाई भी 2 महीने के अंदर पूरी कर ली जाएगी.
रेप के हर मामले की जांच किसी भी हाल में 2 महीने के अंदर पूरी की जाएगी.

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