Featured
श्रीगणेश ने टूटे दांत से लिखी थी महाभारत, ऐसे पड़ा ‘एकदंत’ नाम टूटे दांत से भगवान गणेश को लिखनी पड़ी थी महाभारत
श्रीगणेश ने टूटे दांत से लिखी थी महाभारत, ऐसे पड़ा ‘एकदंत’ नाम टूटे दांत से भगवान गणेश को लिखनी पड़ी थी महाभारत विद्या बुद्धि विनय विवेक में भगवान गणेश अग्रिम हैं. वे वेदज्ञ हैं. महाभारत को उन्होंने लिपिबद्ध किया है. गणेश चतुर्थी को पट्टी पूजन विशेष रूप से किया जाता है. दुनिया के सभी लेखक सृजक शिल्पी नवाचारी एकदंत से प्रेरणा पाते हैं.
परशुराम के हर प्रहार को गणेश निष्फल करते गए. अंततः क्रोध के वशीभूत परशुराम ने गणेश पर शिव से प्राप्त परशु से ही वार किया. गणेश ने पिता शिव से परशुराम को मिले परशु का आदर रखा.
परशु के प्रहार से उनका एक दांत टूट गया. पीड़ा से एकदंत कराह उठे. पुत्र की पीड़ा सुन माता पार्वती आईं और गणेश को इस अवस्था में देख परशुराम पर क्रोधित होकर दुर्गा के स्वरूप में आ गईं.
यह देख परशुराम समझ गए उनसे भयंकर भूल हुई है. परशुराम ने माता पार्वती से क्षमा याचना कर एकदंत की विनम्रता की सराहना की. परशुराम ने गणेश को अपना समस्त तेज बल कौशल और ज्ञान आशीष स्वरूप प्रदान किया.
इस प्रकार गणेश की शिक्षा विष्णु के अवतार गुरु परशुराम के आशीष से सहज ही हो गई. कालांतर में उन्होंने इसी टूटे दंत से महर्षि वेदव्यास से उच्चरित महाभारत कथा का लेखन किया.
भगवान गणेश के एकदंत विग्रह का पूजन वंदन स्मरण गणेशोत्सव के दौरान चैथे दिन अर्थात् भाद्रपद शुक्ल सप्तमी को करना विशेष फलदायी है.
देवताओं में प्रथम पूज्य गणेश को एकदंत रूप आदिशक्ति पार्वती, आदिश्वर भोलेनाथ और जगतपालक श्रीहरि विष्णु की सामूहिक कृपा से प्राप्त हुआ. गणेश इसी रूप में समस्त लोकों में पूजनीय, वंदनीय हैं.