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जैन मुनि तरुण सागर (Jain Muni Tarun Sagar) का आज 51 साल की उम्र में निधन हो गया

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जैन मुनि तरुण सागर (Jain Muni Tarun Sagar) का आज 51 साल की उम्र में निधन हो गया

बीते कुछ दिनों से बीमार चल रहे जैन मुनि तुरुण सागर पिछले कुछ दिनों से पीलिया से पीड़ित थे, जिसकी वजह से उनका इलाज एक निजी अस्पताल में चल रहा था और उन्होंने दिल्ली के शाहदरा के कृष्णानगर में शनिवार सुबह 3:18 बजे अंतिम सांस ली. दरअसल, मुनि तरुण सागर एक दिगंबर भिक्षु थे. तरुण सागर ने ‘कड़वे प्रवचन’ के नाम से एक बुक सीरीज स्टार्ट की थी, जिसके लिए वो काफी चर्चित रहे. क्योंकि वह अपने प्रवचन में अंधविश्वासों, मान्यताओं और गलत अभ्यासों की आलोचना किया करते थे.

जैन मुनि तरुण सागर का असली नाम ‘पवन कुमार जैन’ है. इनका जन्म 26 जून 1967, ग्राम गुहजी, जिला दमोह, राज्य मध्य प्रदेश में हुआ था. इनके माता-पिता का नाम श्रीमती शांतिबाई जैन और प्रताप चन्द्र जैन था. कहा जाता है कि इन्होंने 8 मार्च 1981 में घर छोड़ दिया था. इनकी शिक्षा-दीक्षा छत्तीसगढ़ में हुई है .इनके प्रवचन की वजह से इन्हें ‘क्रांतिकारी संत’ का तमगा मिला हुआ था

#Jain #muni #Tarun #Sagar #dies at 51 after prolonged #illness, creamtion at 3.00 pm today
The #revered #Jain #muni Tarun #Sagar #died after a #prolonged #illness on #Saturday. He was 51. He #breathed his last at about 3: 18 am on Saturday #morning at Radhapuri #Jain #temple #situated in #Krishna Nagar area of east #Delhi.
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His last rites will be held at #Tarunsagaram, #Muradnagar in #Uttar #Pradesh at about 3 pm #today.

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