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आरक्षण खत्‍म सरकारी नौकरियों में बांग्‍लादेश

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बांग्लादेश में आरक्षण समाप्त बांग्लादेश में आरक्षण में बदलाव की मांग को लेकर हुए भारी प्रदर्शन को देखते हुए प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बुधवार को सरकारी नौकरियों में आरक्षण को समाप्त करने का फैसला किया है।

 

बांग्लादेश में सरकारी सेवाओं में कोटा सिस्टम में बदलाव करने को लेकर रविवार को हजारों छात्र सड़कों पर उतर आये थे, जिससे कई मुख्य सड़कों को बंद करना पड़ा और इससे यातायात व्यवस्था भी ठप हो गई। इसी को देखते हुए प्रधानमंत्री ने एक बयान जारी कर सरकारी सेवाओं में आरक्षण को खत्म करने का निर्णय लिया। अल्पसंख्यकों के लिए विशेष प्रावधान हालांकि, प्रधानमंत्री नेअल्पसंख्यकों के लिए विशेष प्रावधानकिया है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों और पिछड़े अल्पसंख्यकों के लिए सरकारी नौकरियों में विशेष प्रावधान किए जाएंगे।

 

युवाओं ने जरूरत से ज्यादा प्रदर्शन कर दिया है, इसीलिए उन्हें अब खुशी से घर भेज दिया जाए।छात्र नहीं चाहते आरक्षण प्रधानमंत्री ने वहां के संसद में एक बयान जारी करते हुए कहा कि सरकारी नौकरियों से आरक्षण को समाप्त कर दिया जाएगा क्योंकि अगर ऐसा नहीं किया गया तो भविष्य में बदलाव को लेकर फिर उपद्रव किये जायेंगे, इसीलिए इसे खत्म करना ही एक बेहतर उपाय है।

कोटा सिस्टम बांग्लादेश में कोटा सिस्टम साल 1972 में एक कार्यकारी आदेश के माध्यम से पेश किया गया था और अब तक कई बार इसे संशोधित भी किया गया। वर्तमान में, 44 प्रतिशत लोगों को योग्यता पर सरकारी नौकरी मिलती है और 56 प्रतिशत भर्ती सिर्फ विभिन्न कोटा के तहत होती है। 56 प्रतिशत में, 30 प्रतिशत स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों और नाती-पोतियों, महिलाओं के लिए 10 प्रतिशत, पिछड़े जिलों के लोगों के लिए 10 प्रतिशत, स्वदेशी समुदायों के सदस्यों के लिए 5 प्रतिशत और शारीरिक रूप से विकलांग लोगों के लिए एक प्रतिशत रखा गया है।

गौरतलब है कि बांग्‍लादेश में आरक्षण में बदलाव को लेकर हजारों छात्रों ने रविवार को भारी प्रदर्शन शुरू किया था। इस दौरान छात्रों ने ढाका यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर के घर पर भी खूब तोड़फोड़ की। वहां भी पुलिस तैनात की गई। यूनिवर्सिटी में 100 से अधिक छात्र पुलिस के आंसू गैस और छर्रों के शिकार हुए। इस हरकत को देखकर प्रधानमंत्री हसीना ने कहा कि ऐसा करने वाले छात्र नहीं हो सकते, दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

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Ayodhya

अगले 48 घंटों में गिरेगा दो से तीन डिग्री पारा, उत्तर भारत में धूप के बाद भी चलेगी शीतलहर

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अगले 48 घंटों में गिरेगा दो से तीन डिग्री पारा, उत्तर भारत में धूप के बाद भी चलेगी शीतलहर

मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पाल कहते हैं कि उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में अभी शीत लहर की आशंका जताई जा रही है। हालांकि इसमें पूरा उत्तर भारत नहीं बल्कि पंजाब और हरियाणा समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्से शामिल हैं। मौसम विभाग का मानना है कि ठंडी हवाओं के चलते गलन भी बढ़ेगी और अधिकतम तापमान में भी गिरावट दर्ज हो सकती है…

अगले 48 घंटे में उत्तर भारत के सभी इलाकों में न्यूनतम पारा दो से तीन डिग्री के करीब और नीचे गिर जाएगा। जबकि दिल्ली और एनसीआर समेत कुछ हिस्सों में गुरुवार और शुक्रवार को धूप तो निकलेगी, लेकिन गलन वाली ठंड में कोई कमी नहीं होगी। अगले 48 घंटे के भीतर बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन के चलते मौसम में इस तरीके की तब्दीलियां देखी जा सकती हैं। वहीं कोहरे को लेकर विभाग का अनुमान है कि पिछले हफ्ते की तरह ही इस बार भी लगातार कोहरा पड़ता रहेगा।

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Ayodhya

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होंगी सोनिया गांधी, खरगे-अधीर ने भी किया किनारा

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राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होंगी सोनिया गांधी, खरगे-अधीर ने भी किया किनारा

 

अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, मौजूदा अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी शामिल नहीं होंगे।

कांग्रेस के महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने इसकी जानकारी दी है।

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Election

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने रहेंगे एकनाथ शिंदे, स्पीकर ने खारिज की विधायकों की अयोग्यता की याचिका

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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने रहेंगे एकनाथ शिंदे, स्पीकर ने खारिज की विधायकों की अयोग्यता की याचिका

महाराष्ट्र की राजनीति के लिए आज का दिन बड़ा अहम रहा।  महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित 16 विधायकों की अयोग्यता मामले में 1200 पन्नों का फैसला सुनाया। विधानसभा स्पीकर ने अपने फैसले में शिंदे गुट को ही असली शिवसेना माना। साथ ही 16 विधायकों को अयोग्य करार देने की मांग वाली याचिका भी खारिज कर दी। फैसले के अहम बिंदुओं को पढ़ते हुए उन्होंने कहा कि जब पार्टी में बंटवारा हुआ था, तब शिंदे गुट के पास 37 विधायकों का समर्थन था। ऐसे में उनके नेतृत्व वाला गुट ही असली शिवसेना है। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग ने भी इसे मान्य करार दिया था।

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