Bihar
डेंगू की देसी दवा सेअब हो सकता है कोरोना वायरस का इलाज CSIR ने मांगी इंसानों पर ट्रायल की इजाजत

डेंगू की देसी दवा से कोरोना वायरस का इलाज CSIR ने मांगी इंसानों पर ट्रायल की इजाजत
दुनिया भर में कोरोना वायरस (Coronavirus) के चलते 2 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. हर ओर इसके टीके पर विभिन्न जांच किये जा रहे हैं. इसी कड़ी में एंटी-डेंगू बॉटनिकल दवा कोक्यूलस हिरसुतस की टेस्टिंग की जा रही है. अगर ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) इसकी अनुमति देता है तो Covid-19 पर इसके प्रभाव की टेस्टिंग की जा सकती है.
वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) ने इस देसी दवा का असर जांचने के लिए 50 रोगियों पर लिमिटेड रैंडम टेस्टिंग करने के लिए डीसीजीआई से मंजूरी मांगी है. सीएसआईआर के वैज्ञानिकों के अनुसार, दवा के एंटीवायरल गुण डेंगू रोग के लिए ह्यूमन ट्रायल्स के प्रारंभिक चरणों के रूप में प्रभावी पाए गए हैं.
सीएसआईआर (CSIR) के महानिदेशक डॉ. शेखर सी मैंडे ने कहा ‘हमने Cocculus Hirsutus के लिए एक क्लिनिकल ट्रायल के लिए DCGI से संपर्क किया है. इसका उपयोग हमारे देश में आदिवासी जनजातियों द्वारा किया जाता है. हम पहले से ही डेंगू पर इस दवा की असर का ट्रायल कर रहे हैं और यह स्टेज 2 ह्यूमन ट्रायल में एडवांस में स्टेज में है. इसमें ट्रीटमेंट के मैक्निज्म एक ही तरह के हैं.’
मई 2016 में सन फार्मा और इंटरनेशनल सेंटर फॉर जेनेटिक इंजीनियरिंग एंड बायोटेक्नोलॉजी (ICGEB), दिल्ली ने डेंगू के इलाज के लिए बॉटनिकल दवा विकसित करने के लिए एक विशेष समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. जम्मू स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटिव मेडिसिन के निदेशक डॉ. राम विश्वकर्मा ने कहा, ‘इस दवा पर पिछले पांच वर्षों से शोध चल रहा है’.
विश्वकर्मा ने कहा ‘ट्रायल्स में यह डेंगू के खिलाफ प्रभावी पाया गया है. हम SARS-CoV-2 सहित RNA- वायरस के खिलाफ इसके असर की पुष्टि करने के लिए वैज्ञानिक प्रयोग करने के बारे में सोच रहे हैं. इन दोनों वायरस (डेंगू और कोरोनावायरस) में अलग-अलग एंट्री मैकेनिज्म हैं, लेकिन एक बार जब वे मानव शरीर में प्रवेश करते हैं तो वे समान तरीके से बढ़ते हैं. हमने डेंगू, चिकनगुनिया और इंसेफेलाइटिस में इसका असर देखा है.’
Ayodhya
अगले 48 घंटों में गिरेगा दो से तीन डिग्री पारा, उत्तर भारत में धूप के बाद भी चलेगी शीतलहर

अगले 48 घंटों में गिरेगा दो से तीन डिग्री पारा, उत्तर भारत में धूप के बाद भी चलेगी शीतलहर
मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पाल कहते हैं कि उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में अभी शीत लहर की आशंका जताई जा रही है। हालांकि इसमें पूरा उत्तर भारत नहीं बल्कि पंजाब और हरियाणा समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्से शामिल हैं। मौसम विभाग का मानना है कि ठंडी हवाओं के चलते गलन भी बढ़ेगी और अधिकतम तापमान में भी गिरावट दर्ज हो सकती है…
अगले 48 घंटे में उत्तर भारत के सभी इलाकों में न्यूनतम पारा दो से तीन डिग्री के करीब और नीचे गिर जाएगा। जबकि दिल्ली और एनसीआर समेत कुछ हिस्सों में गुरुवार और शुक्रवार को धूप तो निकलेगी, लेकिन गलन वाली ठंड में कोई कमी नहीं होगी। अगले 48 घंटे के भीतर बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन के चलते मौसम में इस तरीके की तब्दीलियां देखी जा सकती हैं। वहीं कोहरे को लेकर विभाग का अनुमान है कि पिछले हफ्ते की तरह ही इस बार भी लगातार कोहरा पड़ता रहेगा।
Ayodhya
राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होंगी सोनिया गांधी, खरगे-अधीर ने भी किया किनारा

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होंगी सोनिया गांधी, खरगे-अधीर ने भी किया किनारा
अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, मौजूदा अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी शामिल नहीं होंगे।
कांग्रेस के महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने इसकी जानकारी दी है।
Ayodhya
स्वर्ण कपाटों से सज गया राम मंदिर, पहली तस्वीर आई सामने; 15 जनवरी तक पूरा हो जाएगा ये काम

स्वर्ण कपाटों से सज गया राम मंदिर, पहली तस्वीर आई सामने; 15 जनवरी तक पूरा हो जाएगा ये काम
गर्भगृह के बांयी ओर व परकोटे के बगल में कुल मिलाकर दो कपाट लगाए गए। एक सप्ताह के भीतर भूतल के सभी 14 स्वर्ण जड़ित कपाट लगा दिए जाएंगे। 15 जनवरी तक हरहाल में भूतल की तैयारी को अंतिम स्पर्श दिया जाना है। राम मंदिर के तीनों तल को मिलाकर कुल 44 कपाट लगाए जाने हैं। इसमें भूतल पर 18 कपाट हैं लेकिन 14 कपाट स्वर्ण मंडित होंगे।
रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी के बीच मंगलवार को बहुप्रतिक्षित पल आ गया और मंदिर के भूतल में स्वर्ण मंडित कपाट लगाने का क्रम प्रारंभ हो गया। शाम तक दो कपाट लगाए जा सके हैं। हालांकि अभी गर्भगृह के मुख्य द्वार पर स्वर्ण मंडित कपाट नहीं लगाया जा सका।
गर्भगृह के बांयी ओर व परकोटे के बगल में कुल मिलाकर दो कपाट लगाए गए। एक सप्ताह के भीतर भूतल के सभी 14 स्वर्ण जड़ित कपाट लगा दिए जाएंगे। 15 जनवरी तक हरहाल में भूतल की तैयारी को अंतिम स्पर्श दिया जाना है।
राम मंदिर के तीनों तल को मिलाकर कुल 44 कपाट लगाए जाने हैं। इसमें भूतल पर 18 कपाट हैं, लेकिन 14 कपाट स्वर्ण मंडित होंगे। महाराष्ट्र की सागौन की लकड़ी से ये कपाट तैयार किए गए।
बाद में इन पर चढाने के लिए सोने की पत्तल तैयार की गई। कारीगरों का कहना है कि एक सप्ताह के भीतर कपाट लगा दिया जाएगा। एलएंडटी के निदेशक बीके मेहता ने बताया कि स्वर्ण मंडित कपाट लगाना शुरू हो गया है।
-
Featured7 years ago
क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर धर्मशाला स्टेडियम में देंगे क्रिकेट का ज्ञान
-
Featured7 years ago
जन्म कर्म च मे दिव्यमेवं यो वेत्ति तत्त्वतः । त्यक्त्वा देहं पुनर्जन्म नैति मामेति सोऽर्जुन ॥ ४.९ ॥श्रीमद् भगवद्गीता यथारूप 4.9
-
Acident7 years ago
कानपुर के अस्पतालों का फिर दिखा घिनौना चेहरा इस बार सिंधी हॉस्पिटल में हुआ दर्दनाक हादसा
-
CHANDIGARH7 years ago
स्टेम सेल क्या है?स्टेम सेल ट्रीटमेंट बोनमैरो, अस्थिमज्जा, लीवर, कैंसर…. बीमारियों के इलाज
-
NEWS7 years ago
श्री मेहंदीपुर बालाजी महाराज जी
-
Featured7 years ago
श्मशान में चल उठी अधजलि लाश, मचा हड़कंप
-
Featured7 years ago
Jai Mahaprabhu ⚫❗ Sri Jagannath – Puri
-
Gallery6 years ago
यो मां पश्यति सर्वत्र सर्वं च मयि पश्यति । तस्याहं न प्रणश्यामि स च मे न प्रणश्यति