CHANDIGARH
गर्मी का कहर,लू ने उत्तर भारत को लपेटे में ले रखा है.

लू ने उत्तर भारत को लपेटे में ले रखा है.
द न्यूज़ रूम नाउ से बात करते हुए मौसम विभाग के अधिकारी सुरेंद्र पाल ने बताया कि चंडीगढ़ में 43 डिग्री का तापमान है और आगे बढ़े और गर्मी बढ़ सकती है इस प्रकार लोग दिन में कम निकले बाहर हमने स्कूल और सरकारों को एडवाइजरी जारी कर दी है और हमने कहा है कि ज्यादा से ज्यादा लोग पेय पदार्थ का ज्यादा इस्तेमाल करें और दिन में कम ही निकले बाहर आने वाले दिनों में मौसम ऐसे ही रहेगा मौसम से राहत पाने की अभी कोई संभावना नहीं है
यहां तक कि पाकिस्तान के कराची शहर में तो करीब 60 से ज्यादा लोगों की लू की वजह से जान जा चुकी है. आइए समझें यह लू की वजह क्या होती है.
गर्मी ने कहर ढाना शुरू कर दिया है और हाल ही में पश्चिमी राजस्थान के फालोड़ी में तापमान 50 डिग्री के ऊपर पहुंच गया. मौसम विभाग ने जानकारी दी थी कि फालोड़ी में तापमान 50.5 डिग्री पहुंच गया है. वहीं पड़ोसी देश पाकिस्तान के कराची शहर में लू की वजह से 65 लोगों की जान चली गई. पिछले कुछ दिनों से वहां तापमान 40 डिग्री सेल्सियस चल रहा है.
गर्मी के मौसम से जूझ रहा इलाका जहां तापमान, अपेक्षित तापमान से कहीं ज्यादा हो और पांच दिन से ज्यादा तक यह जारी रहे – इसे लू माना जाता है. इसके साथ ही मौसम में नमी भी आ जाती है. किसी भी क्षेत्र का अपेक्षित तापमान किसी भी मौसम में कितना होगा इसकी गणना तापमान के पिछले 30 साल के रिकॉर्ड के आधार पर की जाती है. गरम हवाएं आमतौर पर एक एरिया के ऊपर बने अधिक दबाव की वजह से पैदा होती हैं. यह अधिक दबाव काफी देर तक बना रहता है, अक्सर कई दिन और हफ्ते भी. लू या गरम हवाएं पर्यावरण के लिए अच्छी होती हैं. सुनने में अजीब लग सकता है लेकिन अच्छा मॉनसून निर्भर करता है इस बात पर की हमारी जम़ीन ठीक से गरम हुई है या नहीं. वहीं दूसरी तरफ लू से होने वाली मौत को भी रोका जा सकता है अगर सही तरह के इंतज़ाम किए जाएं. जैसे दोपहर के वक्त सूरज से सीधा सामना न हो पाए. सूरज और बारिश का आपस में गहरा रिश्ता है और जितना तेज़ सूरज होगा, मॉनसून को आने में उतनी ही आसानी होगी हमारे शरीर का मूल तापमान 37 डिग्री सेल्सियस होता है यानि इस तापमान पर हमारे शरीर से काम लेने वाले एनज़ाइम्स सबसे अच्छे तरीके से प्रदर्शन कर पाते हैं. अफसोस कि इस तापमान के बावजूद गरमी को हम एक डिग्री भी ज्यादा सहन नहीं कर पाते. भारत में विज्ञान की दुनिया के जाने माने पत्रकार पल्लव बागला ने एक लेख में समझाया – इंसान के लिए गरम खून का होना जरूरी है. लेकिन इस खून को गर्म रखने के लिए उसे बहुत कुछ करना पड़ता है. हम खुद को गरम रखने के लिए बहुत सारी ऊर्जा ग्रहण करते हैं. जहां हमारे शरीर के अंदर का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस होता है. वहीं त्वचा का तापमान 33 डिग्री रहता है. यानि अंदरूनी हिस्से से त्वचा तक आते आते काफी तापमान कम हो जाता है और तभी शरीर ठंडा रह पाता है. शरीर गर्मी से कैसे डील करता है
जब आसपास का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंचने लगता है तब उलटी प्रक्रिया शुरू हो जाती है और शरीर में गर्मी जमा होने लगती है. ऐसे में पसीना बहाने वाले ग्लैंड्स काम पर लग जाते हैं, जिससे शरीर ठंडा रहता है. ऐसे में अगर हम कुछ एहितायत बरतें और सूरज से सामना कम ही करें, तो इस लू से हम निपट सकते हैं. लेकिन यह भी सच है कि वक्त के साथ शहरीकरण बढ़ रहा है, और धूल, निर्माण कार्य की वजह से गर्मी बढ़ रही है. यानि लू स्वाभाविक रूप से तो नुकसानदायक नहीं है लेकिन मानव निर्मित कार्यों की वजह से जिस तेज़ी से तापमान में बढ़ोतरी हो रही है, वह निश्चित ही चिंता की बात है.
गर्म हवाओं ने कितनी जानें ली
कुछ साल पहले आई विश्व मौसम विज्ञान संगठन की रिपोर्ट में बताया गया था कि किस तरह गरम हवाएं पिछले एक दशक में बहुत ज्यादा जानलेवा साबित हुई हैं जिसकी वजह से यूरोप में 2003 में 72 हजार लोगों की जाने गई, वहीं रूस में 2010 में 55 हजार लोग लू की चपेट में आ गए. एक स्टडी के मुताबिक किसी भी शहर में ‘ग्रीन स्पेस’ होने से इस तरह की मौतों में 50 फीसदी की कमी आ सकती है. दक्षिण एशिया में लू का कहर कितना पड़ता है इसका अंदाजा हर दिन अखबारों में आने वाली रिपोर्टों से लगाया जा सकता है.
भारत के हिसाब से लू कितनी तापमान में शुरू हो जाती है
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, भारत सरकार की वेबसाइट में हीट वेव यानि कड़ी गरमी को कुछ इस तरह समझाया गया है – यह सामान्य तौर पर अधिकतम तापमान से कहीं ज्यादा तापमान को कहते हैं और भारत के उत्तर-पश्चिमी हिस्से के गरमी के मौसम में यह गरम हवाएं आती हैं. यह आमतौर पर मार्च से जून के बीच आती है. अधिकतम तापमान और उसकी वजह से पर्यावरण की स्थितियों में होने वाले बदलाव से उस क्षेत्र के लोगों पर असर पड़ता है और कई बार मौत भी हो जाती है.भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक गर्म हवाएं चलने के कई पैमानों में एक यह है कि मैदानी इलाके में जब तापमान 40 डिग्री सेल्सियस और पहाड़ी पर 30 डिग्री से ज्यादा पहुंच जाए.
Ayodhya
अगले 48 घंटों में गिरेगा दो से तीन डिग्री पारा, उत्तर भारत में धूप के बाद भी चलेगी शीतलहर

अगले 48 घंटों में गिरेगा दो से तीन डिग्री पारा, उत्तर भारत में धूप के बाद भी चलेगी शीतलहर
मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पाल कहते हैं कि उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में अभी शीत लहर की आशंका जताई जा रही है। हालांकि इसमें पूरा उत्तर भारत नहीं बल्कि पंजाब और हरियाणा समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्से शामिल हैं। मौसम विभाग का मानना है कि ठंडी हवाओं के चलते गलन भी बढ़ेगी और अधिकतम तापमान में भी गिरावट दर्ज हो सकती है…
अगले 48 घंटे में उत्तर भारत के सभी इलाकों में न्यूनतम पारा दो से तीन डिग्री के करीब और नीचे गिर जाएगा। जबकि दिल्ली और एनसीआर समेत कुछ हिस्सों में गुरुवार और शुक्रवार को धूप तो निकलेगी, लेकिन गलन वाली ठंड में कोई कमी नहीं होगी। अगले 48 घंटे के भीतर बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन के चलते मौसम में इस तरीके की तब्दीलियां देखी जा सकती हैं। वहीं कोहरे को लेकर विभाग का अनुमान है कि पिछले हफ्ते की तरह ही इस बार भी लगातार कोहरा पड़ता रहेगा।
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चंडीगढ़ भाजपा का आप्रेशन कायाकल्प संजीव राणा की एंट्री



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चंडीगढ़ में पेट्रोल-डीजल बिक्री पर रोक, 2 व्हीलर को 2 और कार को 5 लीटर ही मिलेगा फ्यूल

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Hit and Run New Law Live:
मोटर चालकों से जुड़े ‘हिट-एंड-रन’ सड़क दुर्घटना मामलों के संबंध में नए दंड कानून में प्रावधान के खिलाफ ट्रक चालकों ने मंगलवार को लगातार दूसरे दिन देश के अलग-अलग राज्यों में विरोध- प्रदर्शन किया. महाराष्ट्र में प्रदर्शन की वजह से कुछ स्थानों पर ईंधन की कमी की आशंका पैदा हो गई. भारतीय दंड विधान की जगह लेने जा रही भारतीय न्याय संहिता में ऐसे चालकों के लिए 10 साल तक की सजा का प्रावधान है जो लापरवाही से गाड़ी चलाकर भीषण सड़क हादसे को अंजाम देने के बाद पुलिस या प्रशासन के किसी अफसर को दुर्घटना की सूचना दिए बगैर मौके से फरार हो जाते हैं.

हिट एंड रन कानून में सजा को सख्त किए जाने के विरोध में वाहन चालकों की हड़ताल का आज दूसरा दिन है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड समेत कई राज्यों में हड़ताल का असर दिखाई दे रहा है।
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में जिले में हड़ताल के दौरान चालकों ने पुलिस पर पथराव किया। हिट-एंड-रन कानून के खिलाफ ट्रक ड्राइवरों के विरोध प्रदर्शन के कारण छत्तीसगढ़ के रायपुर में लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ा। सुबह से ही पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें देखने को मिली।
महाराष्ट्र के पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के सचिव अकील अब्बास ने बताया कि छत्रपति संभाजीनगर में कुछ पेट्रोल पंपों पर काम पहले ही बंद हो चुका है. अधिकारियों ने बताया कि सोलापुर, कोल्हापुर, नागपुर और गोंदिया जिलों में भी ‘रास्ता रोको’ प्रदर्शन किया गया, वहीं नवी मुंबई और अन्य स्थानों पर स्थिति नियंत्रण में है.
वहीं छत्तीसगढ़ के कई हिस्सों में यात्री बसों के चालकों ने ‘हिट-एंड-रन’ मामलों से संबंधित नए कानून को वापस लेने की मांग को लेकर काम बंद किया जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा. विरोध प्रदर्शन में ट्रक चालक भी शामिल थे जिससे सामान ढुलाई प्रभावित हुई. ट्रक चालकों की हड़ताल के कारण पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति प्रभावित होने के भय से शहरों में पेट्रोल पंप के सामने लोगों की लंबी-लंबी कतारें लग गईं.
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Jai Mahaprabhu ⚫❗ Sri Jagannath – Puri
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यो मां पश्यति सर्वत्र सर्वं च मयि पश्यति । तस्याहं न प्रणश्यामि स च मे न प्रणश्यति