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मंदिर के गर्भगृह में बालस्वरूप में विराजेंगे रामलला,

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Ayodhya Ram Mandir: मंदिर के गर्भगृह में बालस्वरूप में विराजेंगे रामलला, जानिए उनकी पुरानी मूर्ति का क्या होगा

22 जनवरी को अयोध्या के भव्य राम मंदिर में रामलला को विराजमान कराया जाएगा। राम मंदिर में रामलला की नई प्रतिमा स्थापित की जाएगी। ऐसा कहा जा रहा है कि राम मंदिर में विराजमान होने वाली भगवान राम की नई मूर्ति दुनिया की सबसे अनोखी मूर्ति होगी।22 जनवरी को अयोध्या के भव्य राम मंदिर में रामलला को विराजमान कराया जाएगा, जिसको लेकर अभी से तैयारियां जोरों पर हैं। सिर्फ अयोध्या ही नहीं पूरे देश में इसका अलग ही उत्साह देखने को मिल रहा है। राम भक्तों के लिए यह बेहद ही खुशी का अवसर बनने जा रहा है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के कई दिग्गज नेता, अभिनेता, कलाकार व उद्योगपतियों को न्योता भेजा जा रहा है। पूरे अयोध्या को त्रेतायुग थीम से सजाया जा रहा है। वहीं राम मंदिर में रामलला की नई प्रतिमा स्थापित की जाएगी। ऐसा कहा जा रहा है कि राम मंदिर में विराजमान होने वाली भगवान राम की नई मूर्ति दुनिया की सबसे अनोखी मूर्ति होगी। ऐसे में चलिए जानते हैं कि रामलला की पुरानी मूर्ति का क्या होगा.रामलला की पुरानी मूर्ति का क्या होगा ?
मंदिर के गर्भगृह में रामलला की नई मूर्ति के साथ ही पुरानी मूर्ति को भी प्रतिष्ठित करने की योजना है। जानकारी के अनुसार नई मूर्ति को अचल मूर्ति कहा जाएगा, जबकि पुरानी मूर्ति उत्सव मूर्ति के तौर पर जानी जाएगी। साथ ही कहा जा रहा है कि बाद में उत्सवमूर्ति को श्रीराम से जुड़े सभी उत्सवों में विराजमान किया जाएगा। वहीं नई मूर्ति गर्भ गृह में भक्तों के दर्शन के लिए विराजमान रहेगी।

कैसी होगी रामलला की नई मूर्ति ?
राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की 51 इंच लंबी मूर्ति स्थापित की जाएगी, जिसमें रामलला बाल स्वरूप में होंगे। मूर्ति में रामलला को खड़े हुए दिखाया गया है। मंदिर के गर्भगृह में रामलला कमल के फूल पर विराजमान होंगे। कमल के फूल के साथ उनकी लंबाई करीब 8 फीट होगी।

त्रेतायुग थीम से सज रही है अयोध्या नगरी
त्रेतायुग में श्रीराम का जन्म अयोध्या के राजा दशरथ के घर ज्येष्ठ पुत्र के रूप में हुआ था। श्रीराम भगवान विष्णु जी के अवतार थे। इन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम भी कहा जाता है। ऐसे में पूरे अयोध्या को त्रेतायुग थीम से सजाया जा रहा है। सड़कों के किनारे सूर्य स्तंभ लगाए जा रहे हैं, जो भगवान राम के सूर्यवंशी होने के प्रतीक को दर्शाते हैं।

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अगले 48 घंटों में गिरेगा दो से तीन डिग्री पारा, उत्तर भारत में धूप के बाद भी चलेगी शीतलहर

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अगले 48 घंटों में गिरेगा दो से तीन डिग्री पारा, उत्तर भारत में धूप के बाद भी चलेगी शीतलहर

मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पाल कहते हैं कि उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में अभी शीत लहर की आशंका जताई जा रही है। हालांकि इसमें पूरा उत्तर भारत नहीं बल्कि पंजाब और हरियाणा समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्से शामिल हैं। मौसम विभाग का मानना है कि ठंडी हवाओं के चलते गलन भी बढ़ेगी और अधिकतम तापमान में भी गिरावट दर्ज हो सकती है…

अगले 48 घंटे में उत्तर भारत के सभी इलाकों में न्यूनतम पारा दो से तीन डिग्री के करीब और नीचे गिर जाएगा। जबकि दिल्ली और एनसीआर समेत कुछ हिस्सों में गुरुवार और शुक्रवार को धूप तो निकलेगी, लेकिन गलन वाली ठंड में कोई कमी नहीं होगी। अगले 48 घंटे के भीतर बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन के चलते मौसम में इस तरीके की तब्दीलियां देखी जा सकती हैं। वहीं कोहरे को लेकर विभाग का अनुमान है कि पिछले हफ्ते की तरह ही इस बार भी लगातार कोहरा पड़ता रहेगा।

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राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होंगी सोनिया गांधी, खरगे-अधीर ने भी किया किनारा

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राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होंगी सोनिया गांधी, खरगे-अधीर ने भी किया किनारा

 

अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, मौजूदा अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी शामिल नहीं होंगे।

कांग्रेस के महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने इसकी जानकारी दी है।

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स्वर्ण कपाटों से सज गया राम मंदिर, पहली तस्वीर आई सामने; 15 जनवरी तक पूरा हो जाएगा ये काम

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स्वर्ण कपाटों से सज गया राम मंदिर, पहली तस्वीर आई सामने; 15 जनवरी तक पूरा हो जाएगा ये काम

गर्भगृह के बांयी ओर व परकोटे के बगल में कुल मिलाकर दो कपाट लगाए गए। एक सप्ताह के भीतर भूतल के सभी 14 स्वर्ण जड़ित कपाट लगा दिए जाएंगे। 15 जनवरी तक हरहाल में भूतल की तैयारी को अंतिम स्पर्श दिया जाना है। राम मंदिर के तीनों तल को मिलाकर कुल 44 कपाट लगाए जाने हैं। इसमें भूतल पर 18 कपाट हैं लेकिन 14 कपाट स्वर्ण मंडित होंगे।

रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी के बीच मंगलवार को बहुप्रतिक्षित पल आ गया और मंदिर के भूतल में स्वर्ण मंडित कपाट लगाने का क्रम प्रारंभ हो गया। शाम तक दो कपाट लगाए जा सके हैं। हालांकि अभी गर्भगृह के मुख्य द्वार पर स्वर्ण मंडित कपाट नहीं लगाया जा सका।

गर्भगृह के बांयी ओर व परकोटे के बगल में कुल मिलाकर दो कपाट लगाए गए। एक सप्ताह के भीतर भूतल के सभी 14 स्वर्ण जड़ित कपाट लगा दिए जाएंगे। 15 जनवरी तक हरहाल में भूतल की तैयारी को अंतिम स्पर्श दिया जाना है।

राम मंदिर के तीनों तल को मिलाकर कुल 44 कपाट लगाए जाने हैं। इसमें भूतल पर 18 कपाट हैं, लेकिन 14 कपाट स्वर्ण मंडित होंगे। महाराष्ट्र की सागौन की लकड़ी से ये कपाट तैयार किए गए।

बाद में इन पर चढाने के लिए सोने की पत्तल तैयार की गई। कारीगरों का कहना है कि एक सप्ताह के भीतर कपाट लगा दिया जाएगा। एलएंडटी के निदेशक बीके मेहता ने बताया कि स्वर्ण मंडित कपाट लगाना शुरू हो गया है।

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