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DELHI

SC ने कर्नाटक शपथ ग्रहण पर रोक लगाने से इनकार ,कल फिर होगी सुनवाई

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आज सुबह 9.00 बजे येदियुरप्पा शपथ ले सकते हैं कर्नाटक SC का येदियुरप्पा की शपथ पर रोक से इनकार, कल फिर होगी सुनवाई 10:30 am.


कांग्रेस ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) का रुख किया है और इस मामले की तत्काल सुनवाई करने को कहा है. कांग्रेस चाहती है कि इस मामले की सुनवाई आज रात ही हो. CJI दीपक मिश्रा के पास कांग्रेस की एक टीम पहुंची है.

कर्नाटक चुनाव के नतीजों में कोई भी पार्टी बहुमत का जादुई आंकड़ा (112) पार नहीं कर पाई है.

 

सुप्रीम कोर्ट में पिछले साढ़े तीन घंटे से लगातार सुनवाई चल रही है.

कोर्ट की बेंच ने अभिषेक मनु सिंघवी से पूछा- राज्यपाल द्वारा भाजपा को सरकार बनाने के लिए बुलाने वाली चिट्ठी कहां हैं?

सुप्रीम कोर्ट में कर्नाटक की लड़ाई: जस्टिस बोबडे बोले- जब तक हम भाजपा का पत्र नहीं देख लेते, तब तक हम नहीं जानते कि वे किस तरह के बहुमत का दावा कर रहे हैं। हम कोई भी अनुमान नहीं लगा सकते।
Supreme Court to hear the petition of Congress and JD(S) at 1:45 am #KarnatakaElections

Justice SA Bobde said, “we do not know what kind of majority BS Yeddyurappa has claimed. Unless we see that letter of support, we cannot speculate”, while hearing the petition filed by Congress & JD(S) challenging Karnataka Governor’s decision #KarnatakaElections

कांग्रेस-जेडीएस की अर्जी पर तीन जजों की बेंच करेगी सुनवाई। याचिका पर कोर्ट नंबर-2 में सुनवाई होगी।

सुप्रीम कोर्ट में कर्नाटक की लड़ाई: पूर्व अटॉर्नी जनरल एम रोहतगी बोले- मामले की सुनवाई रात में नहीं होनी चाहिए। अगर कोई शपथ ले लेता है तो कोई पहाड़ नहीं टूट जाता। पिछली बार सुप्रीम कोर्ट ने याकूब मेमन की फांसी के मामले की सुनवाई रात में की थी।

अभिषेक मनु सिंघवी ने एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि शपथ ग्रहण समारोह को शाम 4:30 बजे तक टाल दिया जाए.

सुप्रीम कोर्ट ने बीएस येदियुरप्पा की शपथ पर रोक लगाने से किया इनकार। supreme court three-judge bench continues to hear plea of Congress & JD(S) challenging Karnataka Governor’s decision, Abhishek Manu Singhvi pleads the swearing-in ceremony to be deferred by 4.30 pm today while BJP’s lawyer Mukul Rohatgi continues his argument

SC का येदियुरप्पा की शपथ पर रोक से इनकार, कल फिर होगी सुनवाई

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Ayodhya

अगले 48 घंटों में गिरेगा दो से तीन डिग्री पारा, उत्तर भारत में धूप के बाद भी चलेगी शीतलहर

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अगले 48 घंटों में गिरेगा दो से तीन डिग्री पारा, उत्तर भारत में धूप के बाद भी चलेगी शीतलहर

मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पाल कहते हैं कि उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में अभी शीत लहर की आशंका जताई जा रही है। हालांकि इसमें पूरा उत्तर भारत नहीं बल्कि पंजाब और हरियाणा समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्से शामिल हैं। मौसम विभाग का मानना है कि ठंडी हवाओं के चलते गलन भी बढ़ेगी और अधिकतम तापमान में भी गिरावट दर्ज हो सकती है…

अगले 48 घंटे में उत्तर भारत के सभी इलाकों में न्यूनतम पारा दो से तीन डिग्री के करीब और नीचे गिर जाएगा। जबकि दिल्ली और एनसीआर समेत कुछ हिस्सों में गुरुवार और शुक्रवार को धूप तो निकलेगी, लेकिन गलन वाली ठंड में कोई कमी नहीं होगी। अगले 48 घंटे के भीतर बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन के चलते मौसम में इस तरीके की तब्दीलियां देखी जा सकती हैं। वहीं कोहरे को लेकर विभाग का अनुमान है कि पिछले हफ्ते की तरह ही इस बार भी लगातार कोहरा पड़ता रहेगा।

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Hit and Run Case Protest: हिट एंड रन कानून के खिलाफ प्रदर्शन उग्र, मैनपुरी में ट्रक चालकों और पुलिस की झड़प; चले ईंट-पत्थर

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Hit and Run Case Protest: हिट एंड रन कानून के खिलाफ प्रदर्शन उग्र, मैनपुरी में ट्रक चालकों और पुलिस की झड़प; चले ईंट-पत्थर

हिट एंड रन कानून में सजा को सख्त किए जाने के विरोध में वाहन चालकों की हड़ताल का आज दूसरा दिन है। दिल्ली उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश बिहार उत्तराखंड समेत कई राज्यों में हड़ताल का असर दिखाई दे रहा है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हिट एंड रन मामलों को लेकर नए कानून के खिलाफ यूपी राज्य परिवहन के बस चालकों ने हड़ताल की।

हिट एंड रन कानून में सजा को सख्त किए जाने के विरोध में वाहन चालकों की हड़ताल का आज दूसरा दिन है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड समेत कई राज्यों में हड़ताल का असर दिखाई दे रहा है।
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में जिले में हड़ताल के दौरान चालकों ने पुलिस पर पथराव किया। हिट-एंड-रन कानून के खिलाफ ट्रक ड्राइवरों के विरोध प्रदर्शन के कारण छत्तीसगढ़ के रायपुर में लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ा। सुबह से ही पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें देखने को मिली।

हिट एंड रन कानून में सजा को सख्त किए जाने के विरोध में वाहन चालकों की हड़ताल का आज दूसरा दिन है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड समेत कई राज्यों में हड़ताल का असर दिखाई दे रहा है।

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में जिले में हड़ताल के दौरान चालकों ने पुलिस पर पथराव किया। हिट-एंड-रन कानून के खिलाफ ट्रक ड्राइवरों के विरोध प्रदर्शन के कारण छत्तीसगढ़ के रायपुर में लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ा। सुबह से ही पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें देखने को मिली।

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Acident

पौधा खाते ही शरीर में पहुंचेगी कोरोना की वैक्सीनअमेरिकी वैज्ञानिक

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पौधा खाते ही शरीर में पहुंचेगी कोरोना की वैक्सीन, अमेरिकी वैज्ञानिक डेवलप कर रहे है ऐसा प्लांट

 

  • फाइजर और मॉडर्ना ने mRNA तकनीक से तैयार की है अपनी कोविड की वैक्सीन
  • कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक इसी mRNA को पौधों में पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं
  • वैक्सीन का नाम सुनते ही कई लोगों को इंजेक्शन का डर सताने लगता है। अमेरिका के वैज्ञानिक इसी डर को खत्म करने की कोशिश में जुटे हैं। वो ऐसा पौधा विकसित कर रहे हैं जिसे खाने के बाद इंसान में वैक्सीन पहुंच जाएगी। इसकी शुरुआत कोविड वैक्सीन से की जाएगी। आसान भाषा में समझें तो लोगों को पौधा खिलाकर कोविड की वैक्सीन दी जाएगी।

    वैक्सीन वाले पौधे को अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया रिवरसाइड के शोधकर्ता विकसित कर रहे हैं। पौधे की मदद से कोरोना की mRNA वैक्सीन को इंसान में पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।

    पौधों में कैसे पहुंचेगी वैक्सीन, कैसे इसमें स्टोर होगी, वैक्सीन के इस नए तरीके के क्या फायदे होंगे और कितना कुछ बदलेगा, जानिए इन सवालों के जवाब….

    सबसे पहले जानिए, कैसे काम करती है mRNA टेक्नोलॉजी से तैयार कोविड वैक्सीन
    फाइजर और मॉडर्ना ने अपनी वैक्सीन को तैयार करने में mRNA तकनीक का इस्तेमाल किया है। इससे पहले तक इस तकनीक का इस्तेमाल कम ही किया जाता था। हाल में कोविड वैक्सीन तैयार करने के बाद इस तकनीक का इस्तेमाल बढ़ रहा है। कई कंपनियां फ्लू का टीका बनाने के लिए mRNAतकनीक का इस्तेमाल कर रही हैं।

    इस तकनीक से तैयार कोविड वैक्सीन रोगों से लड़ने वाले इम्यून सिस्टम को ट्रेनिंग देती है कि कोरोना वायरस का स्पाइक प्रोटीन कैसा होता है। इस ट्रेनिंग के बाद शरीर स्पाइक प्रोटीन को समझने के लायक बन जाता है। जब भी कोरोना शरीर को संक्रमित करता है तो इम्यून सिस्टम उस वायरस के स्पाइक प्रोटीन को पहचान लेता है और उसे खत्म करने की कोशिश करता है।

    ऐसी वैक्सीन से कितना कुछ बदल जाएगा, अब यह समझिए

    • शोधकर्ताओं का कहना है, जिस तकनीक से फाइजर-बायोएनटेक और मॉडर्ना ने कोविड वैक्सीन तैयार की है, हम उसी तकनीक से वैक्सीन तैयार करके पौधे के जरिए इंसानों तक पहुंचाने की कोशिश में जुटे हैं।
    • पौधे आसानी से पच जाते हैं जबकि सिरिंज से वैक्सीन लेने के बाद साइड इफेक्ट का खतरा बना रहता है। पौधों के रूप में दी जाने वाली वैक्सीन का रख-रखाव और लाना-ले जाना आसान होगा। कम तापमान पर पौधों को रखने पर इसमें मौजूद वैक्सीन के खराब होने का खतरा भी नहीं होगा।
    • अगर यह प्रयोग सफल रहता है, निम्न आय वर्ग वाले देशों के लिए वैक्सीन वाला पौधा एक वरदान की तरह होगा। जहां कोविड की वर्तमान वैक्सीन के मुकाबले इन पौधों का स्टोरेज और ट्रांसपोर्टेशन आसान होगा और खर्चा भी कम आएगा।

    एक इंसान को वैक्सीन के लिए कितने पौधे चाहिए होंगे?
    जवाब है, सिर्फ एक। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता जुआन पाब्लो कहते हैं, एक पौधा एक इंसान के लिए पर्याप्त mRNA का निर्माण करेगा और उसे वैक्सीनेट किया जा सकेगा। पौधे के जरिए वैक्सीन पहुंचना हमारा लक्ष्य है, इसके लिए हम अपने बगीचे में पालक और लेट्टुस उगा रहे हैं। किसान भी इसे पूरे खेत में उगा सकेंगे।

    वैज्ञानिक पौधे के क्लोरोप्लास्ट में पहुंचाएंगे mRNA
    शोधकर्ताओं का मानना है कि पौधों में मौजूद क्लोरोप्लास्ट mRNA को संभाल सकता है। इससे साफ है कि इसमें काफी क्षमता है। क्लोरोप्लास्ट है क्या, इसे भी समझते चलिए। दरअसल, पौधों का रंग जिस पिगमेंट के कारण हरा होता है, उसे ही क्लोरोप्लास्ट कहते हैं।

    इस क्लोरोप्लास्ट में mRNA को कैसे पहुंचाया जाए और लम्बे समय तक सुरक्षित रखा जाए, वैज्ञानिकों की एक टीम में इसका पता लगाने में जुटी हुई है। अगर यह प्रयोग सफल रहता है तो यह ओरल वैक्सीन की तरह काम करेगी।

    -130 डिग्री पर वैक्सीन स्टोर करने की जरूरत नहीं पड़ेगी
    वर्तमान में मौजूद mRNA वैक्सीन को स्टोर करने के लिए -130 डिग्री तापमान और ड्राय आइस की जरूरत होती है। ऐसे रखरखाव के कारण वैक्सीन की महंगी पड़ती है और ग्रामीण क्षेत्रों में इसे पहुंचाना मुश्किल हो जाता है। लेकिन वैक्सीन वाले पौधों को आसानी से विकसित किया जा सकेगा। यह लम्बी दूरी तय कर सकेगा।

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